पटना। सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री महेश्वर हजारी ने कहा है कि लोकतंत्र में मीडिया की भूमिका पहले से अधिक महत्वपूर्ण हो गयी है और भारत का लोकतंत्र उसके चौथे स्तंभ अर्थात मीडिया के बिना अधूरा है। सूचना भवन में शनिवार को राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय प्रेस दिवस केवल एक पर्व नहीं, बल्कि एक अवसर है, जब हम प्रेस की स्वतंत्रता, जिम्मेदारी और उसकी शक्ति का सम्मान करते हैं।
कार्यशाला में इस वर्ष के राष्ट्रीय प्रेस दिवस के विषय प्रेस की बदलती प्रकृति पर चर्चा हुई। मंत्री ने कहा कि बिहार की पत्रकारिता का एक समृद्ध इतिहास रहा है। यह भूमि स्वतंत्रता संग्राम में अग्रणी भूमिका निभाने वाले पत्रकारों और संपादकों की कर्मभूमि रही है। मंत्री ने मीडिया को सशक्त करने में राज्य सरकार की भूमिका तथा उपलब्धियों की भी चर्चा की। बताया कि बिहार सरकार की ओर से राज्य में पत्रकारों के हितों की सुरक्षा के लिए कई ठोस कदम उठाए गये हैं। बिहार के पत्रकारों ने हमेशा समाज के कमजोर वर्गों की आवाज को प्रमुखता दी है और सत्यनिष्ठा के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया है।
पत्रकारों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पत्रकार कल्याण योजना की शुरुआत की गई है, जिससे पत्रकारों और उनके परिवारों को सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा मिल सके। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में पत्रकारिता को सशक्त बनाने के लिए विभाग के माध्यम से वृहद स्तर पर सूचना का प्रसार किया जा रहा है। बिहार के दूर-दराज के गांवों तक सरकारी नीतियों, योजनाओं और उपलब्धियों को पहुंचाने का कार्य मीडिया ने सफलतापूर्वक किया है।
सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के अपर सचिव संजय कृष्ण की ओर से स्वागत भाषण के क्रम में भारतीय प्रेस की गरिमा और समृद्ध परंपरा को रेखांकित किया गया। कहा कि प्रेस को भ्रामक खबरो को दूर करने का प्रयास करना चाहिए तथा अर्द्धसत्य से बचना चाहिए। कार्यशाला में विभिन्न मीडिया समूहो की तरफ से उपस्थित प्रतिनिधियों की ओर से प्रेस की बदलती प्रकृति तथा नई चुनौतियों पर वक्तव्य भी दिया गया। इसके पहले मंत्री की ओर से उपस्थित मीडिया प्रतिनिधियों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर संयुक्त सचिव विधुभूषण चौधरी, संयुक्त निदेशक रविभूषण सहाय, उप निदेशक नीना झा तथा विभाग के अन्य पदाधिकारी और कर्मी उपस्थित रहे।