नई दिल्ली। भारत को आजाद हुए 70 साल हो गये पर आज तक राष्ट्र की कोई भाषा नहीं बन सकी। इसी संदर्भ में हिन्दी वेलफेयर ट्रष्ट, मुम्बई की ओर से हिन्दी को राष्ट्रभाषा दर्जा दिलाने के लिए भारतीय पत्रकारों का एक अभियान समस्त भारत में चलाया जा रहा है। इस कड़ी में मुम्बई, कोलकाता, भोपाल, लखनऊ…
Blog posts September 2016
हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने हेतु पत्रकारों की गोष्ठी आयोजित
सर्वश्रेष्ट ब्लॉगर बने तारकेश कुमार ओझा
पश्चिम बंगाल के वरिष्ठ हिंदी पत्रकारों में शामिल व सम - सामयिक विषयों पर निरंतर लेखन कर रहे पत्रकार तारकेश कुमार ओझा को एक बार फिर दैनिक जागरण ने 'बेस्ट ब्लॉगर आफ द वीक' घोषित किया है। उन्हें यह सम्मान हिंदी दिवस पर लिखे गए उनके चर्चित ब्लॉग' झिझक मिटे तो हिंदी बढ़े' के लिए दिया गया है।…
"आज" अखबार के मीडियाकर्मियों ने मजीठिया नहीं मिलने पर की शिकायत
पटना. आज अखबार पटना के दर्जनों मीडियाकर्मियों ने मजीठिया वेज बोर्ड नहीं दिए जाने से नाराज होकर बिहार के श्रम संसाधन विभाग के प्रधान सचिव को शिकायत पत्र भेजा है.…
झिझक मिटे तो हिंदी बढ़े ...!!
हिंदी दिवस के लिए विशेष
तारकेश कुमार ओझा / एक बार मुझे एक ऐसे समारोह में जाना पड़ा, जहां जाने से मैं यह सोच कर कतरा रहा था कि वहां अंग्रेजी का बोलबाला होगा। सामान्यतः ऐसे माहौल में मैं सामंजस्य स्थापित नहीं कर पाता। लेकिन मन मार …
बी0 पी0 मंडल जयंती समारोह- 2016
समाजिक न्याय के पक्ष में वक्ताओं ने भरी हुंकार
सरस्वती चन्द्र/ कटिहार। गत वर्षों की भाँति इस वर्ष भी सामाजिक न्याय के योद्धा, द्वितीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष महामना…
मोहक भाषा और प्रभावशाली शिल्प के यशस्वी कथाकार थे राजा राधिका रमण
साहित्य सम्मेलन में आयोजित हुई जयंती
पटना । विलक्षण प्रतिभा के रस-सिद्ध साहित्यकार और शैलीकार थे राजा राधिका रमण प्रसाद सिंह्। वे वहुभाषा-विद थे। संस्कृत, अँग्रेजी, उर्दू और फ़ारसी का भी गहन-ज्ञान था उन्हें। यही कारण था कि उनकी …
शोध पत्रिका ‘समागम’ का सितम्बर अंक हिन्दी पर
शोध पत्रिका ‘समागम’समय समय पर विविध विषयों पर अंक केंद्रित करता रहा है. नया सितम्बरअंक हिंदी को समर्पित है. इस अंक में इस बात की पड़ताल करने की कोशिश की गई है कि आखि…
पत्रकारों को भी छूट मिले विज्ञापन का
पत्रकार खुलेआम पार्टी का प्रचार कर रहे हैं तो प्रोडक्ट का प्रचार क्यों न करें
रवीश कुमार/ अमर उजाला के भीतरी पन्ने पर भाजपा सांसद को ब्लैक मैजिक कूकर का …
हिन्दी साहित्य सम्मेलन में आरंभ हुआ ‘पुस्तक चौदस मेला’
मौके पर गोवा की राज्यपाल और लेखिका डा मृदुला सिन्हा ने कहा, साहित्य संस्कृति का वाहक है पुस्तक
पटना। साहित्य संस्कृति का वाहक है। …
सृजनगाथा अंतर्राष्ट्रीय साहित्य सम्मानों के लिए प्रविष्टियाँ आमंत्रित
प्रविष्टियाँ 30 नवंबर 2016 तक भेजें
रायपुर । अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हिंदी और हिंदी-संस्कृति को प्रतिष्ठित करने के लिए साहित्यिक वेब पत्रिका ‘सृजनगाथा डॉट कॉम’ द्वारा प्रतिवर्ष दिए जाने वाले सम्मानों व पुरस्कारों के लिए रचनाकारों, प्र…
समाज और प्रशासन की कड़ी है मीडिया
हिंदी विवि के जनसंचार विभाग में मीडिया संवाद
वर्धा/ मीडिया और प्रशासन का अन्योनाश्रय संबंध है। आजादी के लगभग 70 साल बाद भी प्रशासन, समाज के बीच अपनी जगह बनाने में सफल नहीं हो पा रहा है। ग्रामीण इलाकों में लोग पुल…
डॉ. सीताराम दीन और डॉ. उषा रानी की रचनाएं हमारी धरोहर:नीरज
स्मृति में साहित्य-ब्लॉग और साहित्य-पोर्टल की महाकवि के हाथों हुई शुरुआत
लखनऊ/ महाकवि पद्म विभूषण गोपाल दास नीरज ने बृहस्पतिवार 01 सितंबर 2016 को प्रख्यात साहित्यकार, कव…
मीडिया के विस्तार से बढ़ती प्रतिस्पर्धा के लिए आत्म-नियमन और उचित संयम जरुरी : वेंकैया नायडू
केन्द्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री श्री एम वेंकैया नायडू ने दो दिवसीय क्षेत्रीय संपादकों के सम्मेलन का उद्घाटन किया,…
हरीश बर्णवाल की नई किताब है मोदी सूत्र
ब्लूम्सबरी कर रहा है प्रकाशित
टीवी पत्रकार हरीश चन्द्र बर्णवाल की पांचवीं किताब “मोदी सूत्र” प्रकाशित हो रही है। ये किताब दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित और हैरी पॉटर सीरीज छापने वाले प्रकाशक ‘ब्लूम्सबरी’ से प्रकाशित हो रही है। नाम के अनुरूप ये किताब प्…
मनोरंजन का संसार और बदलता सांस्कृतिक परिदृश्य पर संगोष्ठी कल
मुम्बई प्रेस क्लब में 2 सितम्बर को माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय का कार्यक्रम
नवीनतम ---
- आईजेयू ने मणिपुर में सुरक्षा बलों द्वारा पत्रकारों के उत्पीड़न की कड़ी निंदा की
- मीडिया साक्षरता पर चर्चा
- भारतीय परिदृश्य में लघु समाचारपत्रों की भूमिका महत्वपूर्ण: संजय कुमार
- क्या जरूरत है हर विषय पर लिखने की?
- टी आर पी की ख़ातिर कुछ भी करेगा
- भारत की पहली 'सर्टिफाइड इमेज मास्टर' बनीं सोनिया दुबे दीवान
- झूठ फैलाकर उन्माद को हवा देता 'गोदी मीडिया'
- पत्रकारों की सेंसरशिप की SAWM ने की कड़ी निंदा
- सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का मीडिया एडवाइजरी
- द वायर बंद
- एक चैनल के भीतर ही दो दुनिया!
- अगर आपमें पत्रकारिता का थोड़ा कुछ भी बचा होता !
- न्यूज चैनलों के लिए आज बोलने का नहीं, सोचने का दिन
- बिहार समाचार के वार्षिकांक 2024 का लोकार्पण
- आपसी रज़ामंदी का सौरभ-राजदीप बेइज़्ज़ती मॉडल
- फर्जी खबरों और अश्लीलता के विरुद्ध अभियान छेड़िए
- दिवंगत फोटो जर्नलिस्ट सुबोध सागर को दी गई श्रद्धांजलि
- सामुदायिक रेडियो सभी कोनों में नागरिकों तक पहुंचने का साधन: डॉ. एल. मुरुगन
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सम्पादक
डॉ. लीना