खतरनाक है विशेषज्ञता झाडऩे का चक्कर
मनोज कुमार/ एक दौर था जब जवानी इश्क में डूबी होती थी लेकिन एक यह दौर है जहाँ जवानी लेखन में डूबी हुई है. विषय की समझ हो या ना हो, लिखने का सऊर हो या ना हो लेकिन लिखना है, वह भी बिना तथ्य और तर्क के. ऐसे लेखकों की बड़ी फौज तैयार हो गई है जिसे हर विषय पर लिखना शगल हो गया है. जिन्हें…