पितृसत्तात्मक जकड़बंदी से बाहर नहीं निकल पाया हिन्दी अख़बार
विनीत कुमार/ प्रो. कुमुद शर्मा दिल्ली विश्वविद्यालय में सालों से पढ़ा रही हैं. पत्रकारिता के छात्रों के बीच वो बेहद…
पितृसत्तात्मक जकड़बंदी से बाहर नहीं निकल पाया हिन्दी अख़बार
विनीत कुमार/ प्रो. कुमुद शर्मा दिल्ली विश्वविद्यालय में सालों से पढ़ा रही हैं. पत्रकारिता के छात्रों के बीच वो बेहद…
अविनाश कुमार / तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों पर कथित हिंसा की जांच करने गई बिहार सरकार की टीम ने मुख्यमंत्री को दिए अपने रिपोर्ट में कहा कि मामले से संबंधित सोशल मिडिया पर सांझा किए गए सभी वीडियो फर्जी पाए गए हैं। फर्जी पाए गए विडियो और मैसेज के कारण मजदूरों में तनाव और डर फैला। …
गिरीश मालवीय/ दुनिया का मीडिया बता रहा है कि माइक्रोसॉफ्ट के चैट GPT और गूगल के बीच आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर रेस चल रही है भारत का मीडिया बता रहा है कि पंडोखर सरकार और बागेश्वर धाम के धीरेन्द्र शास्त्री के बीच पर्चा लिख कर श्रद्धालुओ के भविष्य भूतकाल बांचने की होड़ चल रही…
द गार्जियन के खुलासे पर भारतीय मीडिया में अजीब सी चुप्पी है
गिरीश मालवीय/ द गार्जियन के खुलासे पर भारतीय मीडिया में अजीब सी चुप्पी है। कल गार्जियन में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, इ…
हमने हर खबर में अपना पक्ष रखा है
वीरेंद्र यादव न्यूज। दिसंबर, 2015 में अपनी यात्रा शुरू की थी। सब कुछ अनिश्चित। पड़ाव न मंजिल। चलते-चलते सात वर्षों की यात्रा पूरी हो गयी। निरंतर और निर्बाध यात्रा। रास्ते में…
उर्मिलेश/ अतीत, वर्तमान और भविष्य. निश्चय ही यह उर्दू पत्रकारिता के संदर्भ में महत्वपूर्ण विषय है, जिस पर गंभीर चर्चा और विचार जारी रहना चाहिए. सिर्फ इसलिए नहीं कि उर्दू पत्रकारिता के दो सौ वर्ष पूरे हो गये, इसलिए भी कि आज उर्दू पत्रकारिता बल्कि यूं कहें उर्दू भाषा के समक्ष भी बड़ी च…
प्रेमेंद्र । चीते कैसे सुबह जागे .. मोर ने उन्हें जगाया, चूंकि इतवार था यानी छुट्टी का दिन तो चीतों ने मस्ती में इतवार गुजारा। सोमवार होता तो ड्यूटी पर जाते। काम की भागदौड़ होती। हां उन्होंने लंच में भैंसे का मांस खाया था। खाने के बाद उन्होंने डकार भी ली थी जो 3 सेकेंड लम्बी थी…
विनीत कुमार। एक ही मीडिया संस्थान ने अलग-अलग नाम से इतनी दूकान खोल ली है और उसमें एक ही रिपोर्टर के उपर माल भरने की जिम्मेदारी आ गयी है कि आप यदि रिपोर्टर और उसके मीडिया संस्थान की दूकान में बैठे मीडियाकर्मियों की बात पर ग़ौर करें तो पाएंगे फील्ड में गए रिपोर्टर पर महज रिपोर्ट …
अविनाश कुमार सिंह/ एक युवा रिपोर्टर पर पटना के एक न्यूज चैनल ने 10 करोड़ रुपये मानहानि का दावा किया है। वजह ये कि रिपोर्टर ने कई महीनों की तनख्वाह नहीं मिलने के एवज में कंपनी का कैमरा उठा लिया। रिपोर्टर के मुताबिक उसके साथ मारपीट भी की गई।…
विनीत कुमार। मीडिया से जुड़े किसी भी मसअले पर बोलने के बाद मेरा अनुभव यही रहा है कि हर बार मीडिया की पढ़ाई कर रहे छात्र ये समझ लेते हैं कि आलोचना की है इसका मतलब है कि इसमें कोई भविष्य नहीं है. वो सहज भाव से सवाल करते हैं कि तो फिर उम्मीद क्या है ?…
विनीत कुमार। न्यूज वेबसाइट/पोर्टल की स्टोरी का शीर्षक लगाने के पीछे का मनोविज्ञान भीतर की सामग्री क्या है, ये बताना नहीं बल्कि हमारे पाठक ताक-झांक की आदत के साथ बड़े हुए हैं तो क्लिक करेंगे ही से आत्मविश्वास के साथ अपना कारोबार जारी रखना होता है.…
राजेश कुमार/ जी हां, आप कुछ भी कर रहे हों ...चाहे कोई राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक गतिविधि कर रहे हों , आप पर बिग बॉस की नजर है । जॉर्ज ऑरवेल ने अपने अपने उपन्यास 1984 में भले बहुत पहले इस खतरे की तरफ इशारा कर दिया था, लेकिन उस सत्य से सामना इनदिनों स्पष्ट देखने को मिल रहा है । …
विष्णु नागर। जिंदगी भर हिंदी पत्रकारिता की। हिंदी अखबारों का आज का मानसिक दिवालियापन, सरकार की जीहुजूरी, हिंदुत्व का प्रोपेगैंडा और हिंदी को विकलांग बनाने की साजिश सी इस भाषा के अखबारों तथा टीवी चैनलों पर दिखाई पड़ती है, वह व्यथित करती है। गोदी चैनल तो दिनरात नफरत की मशीनगन बने …
यदि इसे हमारे पत्रकार लिखा जाता तो वही अर्थ और भाव निकलता जो इससे निकल रहा है ?
विनीत कुमार/ आप जिस मीडिया संस्थान के लिए रात-दिन एक किए रहते हैं, ख़ून-पसी…
प्रश्नपत्र लीक मामले को उजागर करने वाले बलिया के दो ग्रामीण पत्रकार जेल में
शीतल पी सिंह/ निहायत ही ख़तरनाक काम हो चुका है मोदीजी के उदय के बाद । अब विभि…
वीरेंद्र यादव/ बातचीत की शुरुआत में छोटी-सी कहानी। बेटा है आदित्य। एक साथी आये थे घर पर। उन्होंने आदित्य से कहा कि पापा को बोलो कि पत्रिका में सिर्फ विज्ञापन निकालें। उसका उत्तर था- पत्रिका में पढ़ने के लिए खबर भी होनी चाहिए न।…
मीडिया का शून्य लागत सामग्री फॉर्मूला
विनीत कुमार। यूक्रेन-कीव में जो लोग मुश्किलों में फंसे हैं, वो बड़ी मुश्किल से विजुअल्स बनाकर अपने परिजनों से साझा कर रहे हैं. उनके परिजन भरी उम्मीद से उन्हें आगे बढ़ा रहे…
संजय कुमार सिंह / छह आठ महीने पहले एक अनजान नंबर से फोन आया था। फोन करने वाले ने पूछा कि संजय जी आपका नंबर मेरे पास काफी समय से सेव है मैं पहचान नहीं पा रहा हूं कि आप कौन हैं। सभ्य और बुजुर्ग सी आवाज थी तो मैंने अपना परिचय बता दिया। उन्होंने भी अपना नाम और हाल-चाल सब बताया…
विनीत कुमार। एंकरिंग करते हुए दीपक चौरसिया का “बेउडा वीडियो” सामने आने के बाद लोग मुझे लिख रहे हैं कि आपको भले ही आश्चर्य हो रहा होगा, पूरी इन्डस्ट्री को पता है कि वो क्या करते हैं ?…
राम जी तिवारी/ किसी भी मुद्दे पर राय बनाते समय आप कौन सी तकनीक अपनाते हैं । एक तो यह होता है कि जो मुख्यधारा की मीडिया में बात प्रचारित की जा रही होती है, हम उसी के साथ अपना सुर भी मिलाने लगते है। दूसरे यह भी संभव है कि हम मुख्यधारा की मीडिया से इतना चिढ़े होते हैं कि वह जो भी क…
डॉ. लीना