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 मीडियामोरचा

____________________________________पत्रकारिता के जनसरोकार

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Blog posts January 2020

सामाजिक क्रांति के महानायक पत्रकार : डॉ. अम्बेडकर

(‘मूकनायक’ के 100 साल- 31 जनवरी, 2020 पर विशेष)

संजय कुमार/ डॉ. भीमराव रामजी अम्बेडकर किसी परिचय के मोहताज नहीं है, संविधान निर्माता और दलितों के मसीहा के तौर विख्यात हैं। डॉ. अम्बेडकर के परिचय में एक सफल पत्रकार एवं संपादक शब्…

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इसका, उसका, किसका मीडिया

(‘मूकनायक’ के 100 साल- 31 जनवरी, 2020 पर विशेष)

संजय स्वदेश/  बाबा साहब भीम राव अंबेडकर ने 31 जनवरी 1920 को मराठी पाक्षिक ‘मूकनायक’ का प्रकाशन प्रारंभ किया था. सौ साल पहले पत्रकारिता पर अंग्रेजी हुकूमत का दबाव था. दबाव से कई …

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अंबेडकर की पत्रकारिता

(‘मूकनायक’ के सौ साल- 31 जनवरी, 2020 पर विशेष)

डॉ. विद्या शंकर विभूति/ डॉ.भीमराव अंबेडकर प्रशिक्षित अर्थशास्त्री एवं बैरिस्टर थे, पत्रकारिता से उनका कोई लेना-देना नहीं था, लेकिन काल और परिस्थितियों की वजह …

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मूक नायक की गूंज सौ वर्ष बाद भी

(‘मूकनायक’ के सौ साल- 31 जनवरी, 2020 पर विशेष)

मनोज कुमार/ प्रकाशन का नाम ‘मूकनायक’ था लेकिन आवाज इतनी बुलंद की आज गुजरते सौ वर्ष में भी  ‘मूकनायक’ का डंका बज रहा है। ‘मूकनायक’ डॉ. भीमराव अम्बेडकर की पत्रकारिता के सौ साल का…

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वक्त है संभल जाएं...

अम्बरीष कुमार/ मीडिया के लिए यह काला दिन है !

ये पत्रकार कवरेज करना चाहते हैं ,बात करना चाहते हैं ।संपादक भी खड़े हैं पुलिस के घेरे में पर जनता नही चाहती ।यह पहली बार दिख रहा है ,वैसे कोई आंदोलन पत्रकारों को बुलाये तो वे आते नही औ…

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मूकनायक और अम्बेडकरी पत्रकारिता के 100 साल का उत्सव

नई दिल्ली। 31 जनवरी 1920, ये वो तारीख है जब एक नए अध्याय की शुरुआत हुई थी। इस दिन डॉ. अम्बेडकर ने मराठी भाषा में 'मूकनायक' नाम से पाक्षिक शुरू किया था। इसके सौ साल पूरा होने पर देश की राजधानी दिल्ली में एक भव्य आयोजन होने जा रहा है। यह आयोजन दिल्ली में 15 जनपथ स्थित डॉ. अम्बेडकर इं…

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मीडिया सरकारी योजनाओं को निष्पक्षता से जनता तक पहुँचाने की करे पहल

पत्र सूचना कार्यालय, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार, पटना द्वारा बेगूसराय में क्षेत्रीय मीडियाकर्मियों हेतु एकदिवसीय कार्यशाला  “वार्तालाप” आयोजित…

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जनता बेख़बर है

हिंदी के सभी प्रमुख दैनिक अख़बारों के मुख पृष्ठ ढके हैं ....... 

चंद्रेश्वर //

बीत रही जो तिथि वो तेईस जनवरी है

दो हज़ार बीस की …

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क्षेत्रीय मीडियाकर्मियों के लिए पीआईबी, पटना का वार्तालाप कल

बेगूसराय के जिलाधिकारी करेंगे एकदिवसीय कार्यशाला “वार्तालाप” का उद्घाटन

बेगूसराय/ सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार की प्रमुख मीडिया इकाई, पत्र सूचन…

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‘ब्रेकिंग न्‍यूज’ के कोलाहल में समाचार माध्‍यम का ह्रास हुआ है: राष्‍ट्रपति

राष्‍ट्रपति ने 14वां रामनाथ गोयंका विशिष्‍ट पत्रकारिता पुरस्‍कार प्रदान किए

नई दिल्ली/ राष्‍ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने 20 जनवरी, 2020 को नई दिल्‍ली में…

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'छप्पाक' की छप्प में 'तानाजी' का भगवा ध्वज

मीडिया कमाई के बहाने  ये साबित करना चाहता है कि 'भगवे ' ने ' एसिड 'को पटखनी दे दी!

राजेश कुमार/ गत सप्ताह शुक्रवार को दोनों फिल्में एक साथ रिलीज हुई। मामला तूल …

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मीडिया इकाइयों का सम्मेलन जम्मू में आयोजित

जम्मू/ जम्मू-कश्मीर क्षेत्र के क्षेत्रीय आउटरीच ब्यूरो ने जम्मू में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार की मीडिया इकाइयों के दो दिवसीय क्षेत्रीय सम्मेलन का आयोजन किया है। इस सम्मेलन का उद्देश्य मीडिया इकाइयों के बीच तालमेल को सुदृढ़ करना है ताकि दूर-दराज के क्षेत्रों तक डिलीवरी सुनिश्च…

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समागम के 19 वर्ष पूर्ण

पत्रिका का नया अंक ‘शब्द सत्ता की शताब्दी’

भोपाल। पंडित माखनलाल चतुर्वेदी द्वारा संपादित ‘कर्मवीर’ के प्रकाशन के सौ वर्ष 17 जनवरी को पूर्ण हो रहा है और 31 जनवरी को डॉ. भीमराव अंबेडकर द्वारा प्रकाशित-सम्पादित पत्रिक…

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आज की भी जरूरत हैं कर्मवीर और मूकनायक

मनोज कुमार/ शब्द सत्ता की शताब्दी मनाते हुए हम हर्षित हैं लेकिन यह हर्ष क्षणिक है क्योंकि महात्मा गांधी जैसे कालजयी नायक के डेढ़ सौ वर्षों को हम चंद महीनों के उत्सव में बदल कर भूल जाते हैं, तब सत्ता को आहत करने वाली पत्रकारिता की जयकारा होती रहे, यह कल्पना से बाहर है। इन सबके बावजू…

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कुणाल के परिजनों की आर्थिक मदद की जाएगी

डबल्यूजेएआई की ओर से एक दिवंगत पत्रकार के लिए शोक सभा का आयोजन

पटना/ ईटीवी भारत के संवाददाता कुणाल सिंह की असामयिक निधन पर बुधवार शाम वेब जॉर्नलिस्ट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (डबल्यूजेएआई) की ओर स…

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तथ्यों के समावेश से ही प्रामाणिक बनते हैं समाचार: प्रधानमंत्री

पत्रिका तुगलक का स्वर्ण जयंती कार्यक्रम

चेन्नई/ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि तथ्यों के समावेश से ही समाचार प्रामाणिक बनते हैं। उन्होंने समाचार माध्यमों से जनता के समक्ष विवेकपूर्ण और तार्किक ढंग से समाचार…

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इंटरनेट पर शीर्ष अदालत का फैसला बनेगा नज़ीर!

लिमटी खरे/ कानून और व्यवस्था की स्थिति निर्मित होने की आशंकाओं को देखकर धारा 144 को लागू करना लाजिमी है पर लंबे समय तक इस धारा का प्रयोग कैसे किया जा सकता है! देश की सर्वोच्च अदालत ने भी इस बारे में ऐतराज जताते हुए कहा है कि सीआरपीसी की धारा 144 (निषेधाज्ञा) को लंबे समय या अनिश्चित क…

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सचमुच जन मीडिया की ही वकालत

'जन मीडिया' का जनवरी 2020 अंक

डॉ लीना/ 'जन मीडिया',  जनवरी 2020 का अंक काफी खास है। “हमारा समाज, हमारा शोध” पंचलाइन के साथ सालों से हर महीने प्रकाशित होने वाले 'जन मीडिया' के इस अंक में कश्मीर  मुद्दा, टीवी चैनलों को सेल्फ सेंसरशिप, बीबीसी के शार्ट …

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स्वतंत्र पत्रकारिता के बिना लोकतंत्र नहीं चल सकता है: जे. रैन्ज

अमेरिका के काउंसलेट जनरल डेविड जे. रैन्ज का मीडिया विद्यार्थियों के साथ संवाद  

भोपाल। अमेरिकी वाणिज्य दूतावास के काउंसलेट जनरल डेविड जे. रैन्ज ने माखनलाल च…

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बिहार की बेशर्म पत्रकारिता

प्रेमकुमार मणि/  बिहार में पत्रकारिता के पतन की पराकाष्ठा है कि आज हिंदी दैनिक 'हिंदुस्तान ' में मुजफ्फरपुर शेल्टर होम से सम्बंधित खबर सोलहवें पृष्ठ पर नीचे कोने में दुबकी -सी प्रकाशित है . दूसरे अख़बार मैंने नहीं देखे हैं कि बता सकूँ वहां क्या हाल है . हिंदुस्तान में मुख्य …

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डॉ. लीना